दास्तां सुना जाना
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मैं रात अंधियारी चंद्र प्रकाश बन आ जाना।
मेरे मन के आँगन में स्नेह दीप जला जाना।
शीतल,निर्मल,स्निग्ध चाँदनी सी अति सुन्दरतम्,
मंत्र मुग्ध करे कुछ ऐसी दास्तां सुना जाना।
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—लक्ष्मी सिंह ?☺
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मैं रात अंधियारी चंद्र प्रकाश बन आ जाना।
मेरे मन के आँगन में स्नेह दीप जला जाना।
शीतल,निर्मल,स्निग्ध चाँदनी सी अति सुन्दरतम्,
मंत्र मुग्ध करे कुछ ऐसी दास्तां सुना जाना।
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—लक्ष्मी सिंह ?☺