दास्ताँ-ए-हिन्दुस्तान
कैसे कहें हम, दास्तान-ए-हिंदुस्तान,
किसी का मर गया ज़मीर,
किसी ने लूट लिया जान,
कैसे कहें हम, दास्तान-ए-हिंदुस्तान,
सियासत की कुर्सी पर बैठे हैं,
सियासी सभी नंगे,
सियासत की गरम जोशी में,
कराते हैं मजहबी दंगे,
लहू लूहान है धरती,
रो रहा है आसमान,
कैसे कहें हम, दास्तान-ए-हिंदुस्तान