दामिनी ,( निर्भया ) की याद में ..
नहीं भूलेगी वोह सर्द रात ,और ना यह तारीख ,
जब भरी सड़क पर इंसानियत का खून हुआ था.
वतन के हुक्मरानों का , कानून के ठेकेदारों का तो पता नहीं,
मगर दामिनी ! तेरे साथ ,तेरे माँ-बाप के साथ सारा हिन्दुस्तान रोया था.