दान और कोरोना काल
विपदा की घड़ी है,
देश पर आपदा आन पड़ी है।
आर्थिक मंदी का दौर,
कहीं ओर ना छोर।
सरकार के संसाधन कम पड़ रहे,
जन जन जी जान से लड़ रहे।
सरकार दान की जन जन से अपील कर रही है,
दान के सहारे सहायता का दम भर रही है।
वेतन पेन्शन में कटौती कर धन का उपयोग,
विकास राशि रोक जनता का सहयोग।
काटे जाने पर पेन्शन और वेतन,
जन जन में उभरता ये चिंतन।
नेताओं का निजी दान कहीं नहीं झलकता,
सरकारी धन को अपना दान कहना अच्छा नहीं लगता।
काले धन वालों का क्यों सहयोग नहीं,
सरकार द्वारा भी उसका कोई उपयोग नहीं।
क्या काला धन घोर काला है नज़र नहीं आता है,
घोर अंधकार में जैसे पूर्णरूप से खो जाता है।
आपस में अपना सहयोग आप करो,
रल मिल कर इस अंधेरे कालखंड को पार करो।
अंधेरी रात के उस पार प्रकाश है,
इस अंधेरे को चीरने का ही हमारा प्रयास है।