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2 Jul 2021 · 1 min read

दहेज

“बाकी सब तो ठीक है।लड़की भी पसंद कर ली है हमने।अब जरा मान-सम्मान की बात भी कर ली जाए तो बेहतर होगा।”लड़के के पिता ने नपे-तुले शब्दों में अपनी फ़रमाइशें रखनी शुरू की।
“वैसे तो हमारा परिवार बहुत बड़ा है।सभी का स्वागत-सत्कार और सम्मान होना चाहिए जी।आपकी भी लड़की है,वैसे आप तो बिन माँगे ही सबकुछ देंगे ही।फिर भी लेने-देने की बात स्पष्ट हो तो अच्छा है।”इस बार लड़के की माँ ने अपनी बात रखी।
“जी बिल्कुल सही कहा आपने।हम तो सिर्फ दे ही रहे हैं।पहले तो लड़की और ऊपर से पढ़ी-लिखी।जो आपके परिवार की मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि ही करेगी और कई पीढ़ियों तक शिक्षा रूपी धन से आपके परिवार को समृद्ध भी करती रहेगी।अब आप बताईये,लड़के के रूप में आप क्या दे रहे हैं?”लड़की की माँ ने बड़े गर्व से अपनी बेटी के सिर पर हाथ फेरते हुए लड़के वालों से प्रश्न पूछा।
अबकी बार लड़केवाले चुप थे।

Language: Hindi
457 Views
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