दस लक्षण पर्व
-दस दिन दस लक्षण
पर्व पावन सार्वभौमिक और सार्वजनिक
चातुर्मास भादों माह हो आराधना अधिक।
दस लक्षण दस दिवस बात है उत्तम धर्म
सर्व हित उत्तम सत्य नित बोलो सबसे वचन।
तज लोभ जब उत्तम शुचि से पाक रहे जीवन
माया से बच, उत्तम आर्जव से बनना सदा सरल।
अभिमान नष्ट कर, उत्तम मादर्व से हो उज्ज्वल मन
जीत क्रोध शत्रु बड़ा यह, उत्तम क्षमा भाव रहे संग ।
विकार भाव आत्मा का नष्ट कर, उत्तम संयम धर
जला कामनाओं का पिटारा उत्तम तप में हो रत।
पर दृव्यों से हटा मोह ममता, उत्तम त्याग से निखर
निज रूह में रहे रमण, उत्तम ब्रह्मचर्य से कर कर्म।
स्वार्थ रहित मन,उत्तम अकिंचन का ही हो चिंतन
दस दिन,दस लक्षण आत्मशुद्धि का पावन पर्व।
चंचल मन, मानव जीवन और है नश्वर जीवन
बस है आत्मा निज की सकल शाश्वत सत्य अमर।
– सीमा गुप्ता,अलवर राजस्थान