दशहरा विशेष – – – – रघु आर्यन
—/—— दशहरा—/—-कुण्डलिया—–/—
जायेंगे रावण बहुत देने रावण आग ।
जाये फिर तब देश से कैसे कुराज भाग ।।
कैसे कुराज भाग रावण जला नहिं पाये ।
एक बुराई और कि धुआं देखो करि आये ।।
कह आर्यन कविराय सुराज तबहिं पायेंगे ।
मन के रावण त्याग जब दशहरा जायेंगे ।।
—– रघु आर्यन —–