दलीदर
दलीदर
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गइल रात बीतल दीवाली
पीटल जाला सूपा खाली
सुतले-सुतले कर दे बारे
जागेला ऊहो भिनुसारे
सूपा लेके फट फट फट फट
बकरी जइसे पट पट पट पट
खटर पटर खट खट खट घर घर
लोगवा खेदे खूब दलीदर
घोठा घारी चउकी चारा
घर दुवार अउरी ओसारा
चुल्ही तर आँगन पिछुवारे
लोगवा खूब दलीदर मारे
सूपा के सुनि के फटकारा
पगहा तूरे भागे पाड़ा
भागे बिल्ली बड़ी डेरा के
चूहा बीयल में घबरा के
सहमें चिरई कउवा तीतर
बाकिर नाहीं हटे दलीदर
बैर भाव त जाते नइखे
मनवा कबो नहाते नइखे
पसरल बाटे कइ कइ मीटर
झाकीं ना मनवा के भीतर
मनवा के पाँको आ काई
सूपा से कइसे फटकाई
राखीं पानी आ सच्चाई
सदगुण के साबुन से भाई
मनवा के पहिले झटकारीं
मन में उहे दलीदर मारीं
काम करीं खूबे सुरिया के
धन दौलत आई धरिया के
– आकाश महेशपुरी