Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2024 · 1 min read

दलदल…………..

दलदल…………..

लोभ,लालच,प्रलोभन
एक ही भाव के
अलग अलग परिधान
ये तीनों
अंतस गर्भ में
कुंडली मारे
हमारे कर्मों में
व्यवधान डालते हैं
आँख खुलते ही
जीने का मोह सताता है
कर्म के रास्ते
धन आड़े आता है
जवानी में
रूप का मोह सताता है
शोहरत का मोह
नींदें उड़ा ले जाता है
औलाद का मोह
रब की हर चौखट तक ले जाता है
डर और ईर्ष्या की तरह
ये हमारी परछाई बन
ज़िंदगी भर हमें सताता है
लोभ, लालच, प्रलोभन
जीवन के थाली के
वो पकवान हैं
जिनके प्रतिफल से ]
वाकिफ़ होने के बावज़ूद
इंसान इनके चखने के लोभ से
बच नहीं पाता
और
अंततः
इसकी दलदल में समाता जाता है
अंत तक
इसके जाल से निकल नहीं पाता

सुशील सरना/27424

37 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वेदना की संवेदना
वेदना की संवेदना
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं
*जब जन्म लिया तो मरना है, मरने से कैसा घबराना (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
बहुत हुआ
बहुत हुआ
Mahender Singh
सच का सच
सच का सच
डॉ० रोहित कौशिक
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
Shubham Anand Manmeet
तुझसे रिश्ता
तुझसे रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
Ishq ke panne par naam tera likh dia,
Ishq ke panne par naam tera likh dia,
Chinkey Jain
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते
अक्षर-अक्षर हमें सिखाते
Ranjeet kumar patre
कड़वा सच
कड़वा सच
Jogendar singh
चाह थी आप से प्रेम मिलता रहे, पर यहांँ जो मिला वह अलौकिक रहा
चाह थी आप से प्रेम मिलता रहे, पर यहांँ जो मिला वह अलौकिक रहा
संजीव शुक्ल 'सचिन'
"आशिकी ने"
Dr. Kishan tandon kranti
अभिनेता बनना है
अभिनेता बनना है
Jitendra kumar
संगठन
संगठन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ढूॅ॑ढा बहुत हमने तो पर भगवान खो गए
ढूॅ॑ढा बहुत हमने तो पर भगवान खो गए
VINOD CHAUHAN
मेरी मां।
मेरी मां।
Taj Mohammad
ञ'पर क्या लिखूं
ञ'पर क्या लिखूं
Satish Srijan
तुम - हम और बाजार
तुम - हम और बाजार
Awadhesh Singh
जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए।
जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए।
सत्य कुमार प्रेमी
3435⚘ *पूर्णिका* ⚘
3435⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
Rj Anand Prajapati
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
Manoj Mahato
आज भी...।।
आज भी...।।
*प्रणय*
नशे की दुकान अब कहां ढूंढने जा रहे हो साकी,
नशे की दुकान अब कहां ढूंढने जा रहे हो साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
स्वप्न
स्वप्न
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अभी  बाक़ी  है  मेरी  जान , तेरी  जान  की  साथी ,
अभी बाक़ी है मेरी जान , तेरी जान की साथी ,
Neelofar Khan
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
Dr Archana Gupta
"" *तथता* "" ( महात्मा बुद्ध )
सुनीलानंद महंत
कहानी ....
कहानी ....
sushil sarna
तोता और इंसान
तोता और इंसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Loading...