दर्शन
मुक्तक
कल रहा जो कल रहेगा जानता है कौन।
मृत्यु किसकी और जग में जन्मता है कौन।
धर्म बदलें मूलतः तो तत्व हैं सब एक।
मोहवश इस सत्य को जन मानता है कौन।
अंकित शर्मा’ इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)
मुक्तक
कल रहा जो कल रहेगा जानता है कौन।
मृत्यु किसकी और जग में जन्मता है कौन।
धर्म बदलें मूलतः तो तत्व हैं सब एक।
मोहवश इस सत्य को जन मानता है कौन।
अंकित शर्मा’ इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)