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27 Jul 2024 · 1 min read

**** दर्द भरा मुक्तक *****

**** दर्द भरा मुक्तक *****
**********************
गम का प्याला पीया सारा,
फिरता दर – दर मारा – मारा,
खोटा सिक्का काम न आया,
हर-पल हर-दम हूँ मै हारा।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

1 Like · 110 Views

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