“दर्द बहुत है सीने में”
दर्द बहुत है सीने में,
पर वो अल्फाज नहीं।
टूटा है दिल इस कदर,
पर कोई आवाज नहीं।
आंखो से आशु बहते हैं,
पर कोई जज्बात नहीं।
तेरे साथ हमबिस्तर तो है,
पर वो कोई प्यार नहीं।
दिल है मेरा पत्थर नहीं सनम,
पर अब उसमे वो एहसास नहीं।