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2 Jun 2020 · 1 min read

दर्द की भाषा

दर्द की भी अपनी एक भाषा होती है।
हर चोट की अपनी परिभाषा होती है।
आह गवाह है पीड़ा में नासूर को भी,
किसी के दवा-दुआ की आशा होती है।
-शशि “मंजुलाहृदय”

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 289 Views
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