दर्द कितने रहे हों, दर्द कितने सहे हों।
दर्द कितने रहे हों, दर्द कितने सहे हों।
नहीं इल्म सांवरे को, दर्दो का होने दिया।
घुटते रहे तन्हाइयों में, अकेले हों जैसे सनम सांवरे।
रोते रहे आप ही आप में, अश्कों को पलकों पर न आने दिया।
श्याम सांवरा……
दर्द कितने रहे हों, दर्द कितने सहे हों।
नहीं इल्म सांवरे को, दर्दो का होने दिया।
घुटते रहे तन्हाइयों में, अकेले हों जैसे सनम सांवरे।
रोते रहे आप ही आप में, अश्कों को पलकों पर न आने दिया।
श्याम सांवरा……