दर्द और जिंदगी
जब लगे अब नहीं चला जायेगा
एक कदम और
तो ठहर जाओ
और अपने दर्द से बात करो
इससे पहले कि फिर चलो
खींच लो दो रेखायें
समानान्तर
एक दर्द
दूजी जिन्दगी
समानांतर रेखाएं कभी नहीं मिलती
दर्द और जिंदगी को
समानांतर होते हुए भी
साथ साथ नहीं चलने देना है
जीत पानी ही होगी जिंदगी को
दर्द पर
उसके लिए आपको
जिंदगी की रेखा को
दर्द की रेखा से बड़ा करना होगा
दर्द पीछे रह जायेगा
जिंदगी आगे बढ़ जाएगी
यही तो जीवन है