दर्द ए दिल बयां करु किससे,
दर्द ए दिल बयां करु किससे,
सभी तो डूबें ग़म के महफ़िल में,
सुनें तो भी उनसे , सुनाऊं किसको,
अपना ही उपहास कराऊ दुनिया में क्यों?
दर्द ए दिल बयां करु किससे,
सभी तो डूबें ग़म के महफ़िल में,
सुनें तो भी उनसे , सुनाऊं किसको,
अपना ही उपहास कराऊ दुनिया में क्यों?