दर्दों ने घेरा।
तिश्ना तिश्ना सा है आज नफ्स मेरा।
जख्मों को मेरे आ कर दर्दों ने घेरा है।।
अब किसको सुनाए हाल दिल का।
जिन्दगी है शबे दर्द होता ना सवेरा है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
तिश्ना तिश्ना सा है आज नफ्स मेरा।
जख्मों को मेरे आ कर दर्दों ने घेरा है।।
अब किसको सुनाए हाल दिल का।
जिन्दगी है शबे दर्द होता ना सवेरा है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️