दरिन्दे
वो मासूम थी
सामने दरिन्दा था
किया उसने
कराटे का वार
वो हुआ धराशायी
चीख कर
भागी मासूम
सीखे सब
बेटियाँ
इसी तरह के वार
दरिन्दे जाऐगे
इसी तरह सब मार
स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव
भोपाल
वो मासूम थी
सामने दरिन्दा था
किया उसने
कराटे का वार
वो हुआ धराशायी
चीख कर
भागी मासूम
सीखे सब
बेटियाँ
इसी तरह के वार
दरिन्दे जाऐगे
इसी तरह सब मार
स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव
भोपाल