दरवाजे पर आ गया, लेकर वो बारात!
मैने हँसकर एक दिन,उनसे करली बात!
दरवाजे पर आ गया, लेकर वो बारात!
लेकर वो बारात,बना दूल्हा चढ घोडी!
नाचे उसके यार, बना कर सारे जोडी!!
मोबाइल के बोल,लगे कानों को पैने!
टूटा स्वप्न तुरंत, आँख खोली जब मैने!!
रमेश शर्मा.