दरवाजा खुला छोड़ा था की खुशियां आए ,खुशियां आई भी और साथ में
दरवाजा खुला छोड़ा था की खुशियां आए ,खुशियां आई भी और साथ में गम भी आए ।।खुशियां मेहमान रही दो-चार दिन की ।
और गम सालों साल तड़पाते रहे।।
दरवाजा खुला छोड़ा था की खुशियां आए ,खुशियां आई भी और साथ में गम भी आए ।।खुशियां मेहमान रही दो-चार दिन की ।
और गम सालों साल तड़पाते रहे।।