Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2024 · 1 min read

दरवाज़े का पट खोल कोई,

दरवाज़े का पट खोल कोई,
वो आज़ भी मुझे बुलाता है,
जीवन के इस नव मोड़ पर,
बचपन खड़ा नज़र आता है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

1 Like · 68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
'रिश्ते'
'रिश्ते'
जगदीश शर्मा सहज
साँझ पृष्ठ पर है लिखा,
साँझ पृष्ठ पर है लिखा,
sushil sarna
आँखें खोलूं तो सारा ज़माना नज़र आता है,
आँखें खोलूं तो सारा ज़माना नज़र आता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Holding onto someone who doesn't want to stay is the worst h
Holding onto someone who doesn't want to stay is the worst h
पूर्वार्थ
*लक्ष्मी प्रसाद जैन 'शाद' एडवोकेट और उनकी सेवाऍं*
*लक्ष्मी प्रसाद जैन 'शाद' एडवोकेट और उनकी सेवाऍं*
Ravi Prakash
आज कल सोशल मीडिया में सकारात्मक भंगिमा को स्वीकारते नहीं हैं
आज कल सोशल मीडिया में सकारात्मक भंगिमा को स्वीकारते नहीं हैं
DrLakshman Jha Parimal
* काव्य रचना *
* काव्य रचना *
surenderpal vaidya
आपका हर दिन तरक्की बाला हो,
आपका हर दिन तरक्की बाला हो,
Phool gufran
बाग़ी
बाग़ी
Shekhar Chandra Mitra
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
" कलम "
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक7
मुक्तक7
Dr Archana Gupta
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
Lokesh Sharma
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
मेरी ख़्वाहिशों में बहुत दम है
Mamta Singh Devaa
कलयुग और सतयुग
कलयुग और सतयुग
Mamta Rani
अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति क्या है
अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति क्या है
प्रेमदास वसु सुरेखा
हमारे तुम्हारे चाहत में, बस यही फर्क है।
हमारे तुम्हारे चाहत में, बस यही फर्क है।
Anand Kumar
*
*"राम नाम रूपी नवरत्न माला स्तुति"
Shashi kala vyas
टूटे ना नेहिया की तार
टूटे ना नेहिया की तार
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
VINOD CHAUHAN
ग्रहस्थी
ग्रहस्थी
Bodhisatva kastooriya
आलता महावर
आलता महावर
Pakhi Jain
*वो मेरी मांँ है*
*वो मेरी मांँ है*
Dushyant Kumar
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
Shweta Soni
3821.💐 *पूर्णिका* 💐
3821.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अपराह्न का अंशुमान
अपराह्न का अंशुमान
Satish Srijan
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में।
Manisha Manjari
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
😢काहे की गुड-मॉर्निंग?😢
😢काहे की गुड-मॉर्निंग?😢
*प्रणय*
लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है,
लहज़ा तेरी नफरत का मुझे सता रहा है,
Ravi Betulwala
Loading...