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17 Sep 2024 · 1 min read

दरबारियों!

दरबारियों!
केवल खड़ाऊ सिंहासन पर रखने से कोई “भरत” नहीं बनता। उसे “राजमहल” व समस्त सुविधाएं त्याग कर “नंदीग्राम” में वास व तप करना होता है।
🙅प्रणय प्रभात🙅

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