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11 Sep 2023 · 1 min read

दरक जाती हैं दीवारें यकीं ग़र हो न रिश्तों में

दरक जाती हैं दीवारें यकीं ग़र हो न रिश्तों में
लगे ये उम्र कटती है ज़िन्दगी के ही किश्तों में
सही रिश्ते निभाता है यहाँ पर जो हक़ीक़त में
उसी का नाम लेती है ये दुनिया इक फरिश्तों में

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