नए बाबू ने कहा (छोटी कहानी)
नए बाबू ने कहा (छोटी कहानी)
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विभागीय उच्च अधिकारी ने अपने अधीनस्थ संस्थानों के प्रभारी अधिकारियों की बैठक बुलाई । वहॉं उच्च अधिकारी ने सभी प्रभारी अधिकारियों को शासनादेश का पत्रक दिया तथा उसे पढ़कर सुनाया और फिर अपने बाबू अर्थात क्लर्क की मदद लेकर समस्त प्रभारी अधिकारियों को उसके बारे में समझाया ।
जहॉं जो बात समझ में नहीं आ रही थी, उच्चाधिकारी खुले मन से अपने बाबू से समझ रहा था और प्रभारी अधिकारियों को तत्पश्चात समझाता जा रहा था ।
अंत में उच्च अधिकारी ने मीटिंग समाप्त होने से पहले अपने प्रभारी अधिकारियों से कहा “आप सब समझदार हैं । मेरे द्वारा दिए गए शासनादेश के पत्रक पर कार्यवाही करके मुझे कल दोपहर बारह बजे तक उत्तर अवश्य मिलना चाहिए ।” समस्त प्रभारी अधिकारियों ने सहमति की मुद्रा में अपना सिर हिलाया और चले गए ।
जाने के बाद सभी प्रभारी अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यालयों के बाबुओं को बुलाया और कहा कि इस शासनादेश-पत्रक को पढ़कर नोट तैयार करो । बाबुओं ने शासनादेश का पत्रक पढ़ा और पढ़ने के बाद उच्च अधिकारी के कार्यालय में बाबू को फोन मिला कर जिज्ञासा का समाधान किया। तत्पश्चात समस्त बाबुओं ने अपने-अपने प्रभारी अधिकारियों के सामने नोट तैयार करके हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया तथा निर्धारित समय से पहले ही उच्च अधिकारी के कार्यालय में जमा कर दिया ।
एक चपरासी जो उच्च अधिकारी के बाबू के अधीन नया-नया काम पर लगा था, यह सारा प्रकरण देखने के बाद बाबू से कहने लगा “साहब लोगों की मीटिंग तो बेकार की ही होती है । आप ही बाबुओं की मीटिंग ले लिया करो ।”
सुनकर उच्च अधिकारी का बाबू हल्के से मुस्कुरा दिया ।
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लेखक : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451