दग़ा तुमसे जब कोई, तेरा हमख़्वाब करेगा
दग़ा तुमसे जब कोई, तेरा हमख़्वाब करेगा।
तुमको तब याद ऐसे में, मेरा ही ख्वाब आयेगा।।
दग़ा तुमसे जब कोई——————–।।
मुझसे तुमको है नफरत, देखकर मेरी मुफलिसी।
देखकर मेरी मजबूरी, आती है तुमको बहुत हंसी।।
ख्वाब तेरी आँखों के कोई, जब बेसाज करेगा।
तुमको तब याद ऐसे में, मेरा ही साथ आयेगा।।
दग़ा तुमसे जब कोई——————।।
बहुत कुछ किया है मैंने, खुशी देने को तुमको।
सहन किये हैं सितम तेरे, माफ मैंने किया तुमको।।
खतायें लेकिन तेरी वो, कभी नहीं माफ़ करेगा।
तुमको तब याद ऐसे में, मेरा ही प्यार आयेगा।।
दग़ा तुमसे जब कोई——————।।
बहुत मिल जायेंगे तुमको, दीवानें तेरी दौलत के।
तेरे इस हुस्न के प्यासे, आशिक़ हुर्रों की सूरत के।।
मतलब वो अपना पूरा कर, दग़ा जब तुमसे करेगा।
तुमको तब याद ऐसे में, मेरा ही वादा आयेगा।।
दग़ा तुमसे जब कोई——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)