Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2023 · 1 min read

थोथी ही हुंकार

कमजोरी पर स्वयं की, करते नही विचार।
जिसको देखो भर रहा, थोथी ही हुंकार ।।
रमेश शर्मा.

Language: Hindi
1 Like · 173 Views

You may also like these posts

धूल
धूल
प्रदीप कुमार गुप्ता
*कफन*
*कफन*
Vaishaligoel
फसल , फासला और फैसला तभी सफल है अगर इसमें मेहनत हो।।
फसल , फासला और फैसला तभी सफल है अगर इसमें मेहनत हो।।
डॉ० रोहित कौशिक
कोई  फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
कोई फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
Neelofar Khan
रक्षाबंधन
रक्षाबंधन
SATPAL CHAUHAN
ভ্রমণ করো
ভ্রমণ করো
Arghyadeep Chakraborty
* नदी की धार *
* नदी की धार *
surenderpal vaidya
!! सत्य !!
!! सत्य !!
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
कविता की महत्ता।
कविता की महत्ता।
Rj Anand Prajapati
हिन्दु नववर्ष
हिन्दु नववर्ष
भरत कुमार सोलंकी
क्यों इन्द्रदेव?
क्यों इन्द्रदेव?
Shaily
कविता कि प्रेम
कविता कि प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
उस पार
उस पार
Meenakshi Madhur
जल जैसे रहे
जल जैसे रहे
पूर्वार्थ
पल
पल
Sangeeta Beniwal
"जोड़-घटाव"
Dr. Kishan tandon kranti
आपसी समझ
आपसी समझ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Red Rose
Red Rose
Buddha Prakash
ना अश्रु कोई गिर पाता है
ना अश्रु कोई गिर पाता है
Shweta Soni
जब हम अपनी आंतरिक शक्ति बढ़ाकर अपनी कमजोरियों को प्रबंधित कर
जब हम अपनी आंतरिक शक्ति बढ़ाकर अपनी कमजोरियों को प्रबंधित कर
ललकार भारद्वाज
मेरा नौकरी से निलंबन?
मेरा नौकरी से निलंबन?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
Swami Ganganiya
दोहा पंचक. . . . . तकदीर
दोहा पंचक. . . . . तकदीर
sushil sarna
यूं गौर से मुस्कुरा कर न मुझे देखा करों।
यूं गौर से मुस्कुरा कर न मुझे देखा करों।
Rj Anand Prajapati
धीरे चल ज़िंदगी
धीरे चल ज़िंदगी
Meenakshi Bhatnagar
- उस पर लिखते ही गहलोत की कलम भी आंसू बहा रही -
- उस पर लिखते ही गहलोत की कलम भी आंसू बहा रही -
bharat gehlot
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हनुमान बनना चाहूॅंगा
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
🙅आज का मसला🙅
🙅आज का मसला🙅
*प्रणय*
I know
I know
Bindesh kumar jha
मुक्तक
मुक्तक
Santosh Soni
Loading...