थोथा चना बाजे घना
हमारे बहादुर सैनिकों की नृशंस हत्याओं का सिलसिला अब भी जारी है.मालूम नहीं सरकार के अन्दर दिल नाम की चीज़ है भी या नहीं. क्या इनके भीतर खून पानी बन गया है जो पाकिस्तान की ऐसी हैवानियत पर उबलता नहीं. हर बार एक ही जूमला दोहराते हैं ” करार सबक सिखायेंगे,ईंट से ईंट बजा देंगे, पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो देख लेंगे ” आखिर कब तक यह बन्दर घुड़कियाँ दते रहेंगे यह नेता गण ? ऐ यह हमारी अच्छे दिन लाने वाली सरकार !, क्या हमारे बहादुर सैनिकों के अच्छे दिन कभी आएंगे?