थोड़ा खुश रहती हूँ मैं
गमो से भरे इस संसार में अब थोड़ा खुश रहती हूँ मैं
सोचती हूँ समझती हूँ पर थोड़ा कम बोलती हूँ मैं
लोग पढ़ लिख कर होशियार हो गये है
पर अब भी थोड़ा नादान सी हूँ मैं
खर्च देते है लोग अपनी सारी कमाई अपने शौक़ मे
पर लेकिन थोड़ा कंजूस हूँ मैं
रस्मों रिवाज़ो को ख़त्म करके कहते है फैशन है
पर थोड़ा ओल्ड फैशन हूँ मैं
छोड़ दिया मैंने लोगो की फ़िक्र करना
अब थोड़ा ज़िंदगी जीती हूँ मैं
रिश्ते नाते सब झूठे है इस दुनिया के
ये सब अब समझती हूँ मैं
अब थोड़ा खुश रहती हूँ मैं