थूकने वालों को प्रणाम ( हास्य गीत )
थूकने वालों को प्रणाम ( हास्य गीत )
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यहाँ- वहाँ जो थूक रहे हैं, उनको नम्र प्रणाम है
(1)
इनसे मिलिए सुबह-सुबह गुटके से मुँह भर लेते
पिच्च – पिच्च पिचकारी जैसे छींटे दिन-भर देते
पीक पीक कर गली लाल करना इनका ही काम है
यहाँ – वहाँ जो थूक रहे हैं, उनको नम्र प्रणाम है
(2)
जहाँ बैठते कुछ सज्जन गाढ़ा बलगम फैलाते
जब भी देखो सिर्फ थूकते सड़कों पर दिख जाते
थूके बिना सड़क पर इनको मिलता कब आराम है
यहाँ – वहाँ जो थूक रहे हैं, उनको नम्र प्रणाम है
(3)
छज्जे से थूको भैया, थूको दुकान से भाई
करो सड़क के बीच कभी कोनों में बेशरमाई
खुद का कुर्ता खुद की पीकों से ही रँगा तमाम है
यहाँ-वहाँ जो थूक रहे हैं, उनको नम्र प्रणाम है
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997615451