Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2016 · 1 min read

थमते कदम आ जाइये

चाँद नभ में आ गया, अब आप भी आ जाइये.
सज गई तारों की महफ़िल, आप भी सज जाइये.
नींद सहलाती है सबको, पर मुझे छूती नहीं.
जानें आँखें पथ से क्यों,क्षणभर को भी हटती नहीं.
प्यासी नज़रों को हसीं, चेहरा दिखा तो जाइये.
कल्पना मेरी बिलखती, वेदना सुन जाइये.
सज गई तारों की महफ़िल, आप भी सज जाइये.
कब तलक मैं यूँ अकेला, इस तरह जी पाउँगा.
इस निशा- नागिन के विष को, किस तरह पी पाउँगा.
इस जहर में अधर का, मधु रस मिला तो जाइये
याद जो हरदम रहे, वो बात तो कर जाइये
सज गई तारों की महफ़िल, आप भी सज जाइये.
धीरे-धीरे नील नभ, धरती पे झुकता आ रहा है.
बादलों की गोद में अब, चाँद धंसता जा जा रहा है.
तन्हा है मापतपुरी, अब साथ तो दे जाइये.
सो गया सारा शहर, थमते कदम आ जाइये.
सज गई तारों की महफ़िल, आप भी सज जाइये.
—– सतीश मापतपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
531 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रकृति कि  प्रक्रिया
प्रकृति कि प्रक्रिया
Rituraj shivem verma
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
पूर्वार्थ
बचपन
बचपन
Shashi Mahajan
जिन्दगी के कुछ लम्हें अनमोल बन जाते हैं,
जिन्दगी के कुछ लम्हें अनमोल बन जाते हैं,
शेखर सिंह
*
*"परछाई"*
Shashi kala vyas
दीवाली विशेष कविता
दीवाली विशेष कविता
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सोहर
सोहर
Indu Singh
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
न दीखे आँख का आँसू, छिपाती उम्र भर औरत(हिंदी गजल/ गीतिका)
न दीखे आँख का आँसू, छिपाती उम्र भर औरत(हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
Rj Anand Prajapati
एकवेणी जपाकरणपुरा नग्ना खरास्थिता।
एकवेणी जपाकरणपुरा नग्ना खरास्थिता।
Harminder Kaur
मिलने की बेताबियाँ,
मिलने की बेताबियाँ,
sushil sarna
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
काहे का अभिमान
काहे का अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कुछ अपनी कुछ उनकी बातें।
कुछ अपनी कुछ उनकी बातें।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
Still I Rise!
Still I Rise!
R. H. SRIDEVI
जिनका ईमान धर्म ही बस पैसा हो
जिनका ईमान धर्म ही बस पैसा हो
shabina. Naaz
#ग़ज़ल :--
#ग़ज़ल :--
*प्रणय*
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
ज़माना साथ होगा
ज़माना साथ होगा
Surinder blackpen
3541.💐 *पूर्णिका* 💐
3541.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नवदुर्गा
नवदुर्गा
surenderpal vaidya
कोई दर ना हीं ठिकाना होगा
कोई दर ना हीं ठिकाना होगा
Shweta Soni
तुम्हें प्यार करते हैं
तुम्हें प्यार करते हैं
Mukesh Kumar Sonkar
"फिरकापरस्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
तारों की बारात में
तारों की बारात में
Suryakant Dwivedi
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
Shyam Sundar Subramanian
अपना नैनीताल...
अपना नैनीताल...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...