थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
हर खुशी की दुआ माँगती वह रही ।
प्रेम माँ का सभी से अलग विश्व में –
मेरी जय के लिए हारती वह रही ।।
✍️ अरविन्द त्रिवेदी
उन्नाव उ० प्र०
थपकियाँ दे मुझे जागती वह रही ।
हर खुशी की दुआ माँगती वह रही ।
प्रेम माँ का सभी से अलग विश्व में –
मेरी जय के लिए हारती वह रही ।।
✍️ अरविन्द त्रिवेदी
उन्नाव उ० प्र०