त्यागकर अपने भ्रम ये सारे
त्यागकर अपने भ्रम ये सारे
ये सारे राग द्वेष भुला डालें
दूर क्षितिज पर एक सितारा
ईशान में आज हो रहा उदित
उसके अलौकिक प्रकाश में
भुलाकर अपनी कहानियां
पीताभ कोपलों की जड़ों में
सृजन नया एक वृक्ष करें
त्यागकर अपने भ्रम ये सारे
ये सारे राग द्वेष भुला डालें
दूर क्षितिज पर एक सितारा
ईशान में आज हो रहा उदित
उसके अलौकिक प्रकाश में
भुलाकर अपनी कहानियां
पीताभ कोपलों की जड़ों में
सृजन नया एक वृक्ष करें