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25 Oct 2021 · 1 min read

तोहर गाँव कहाँ बा (कविता)भिखारी ठाकुर

गाँव गाँव शहर शहर
तू घुर रहल बाड़ऽ
माटी के माथ पर
लेप चानर जइसे
तू चूम रहल बाड़ऽ
सुन सुन ए बटोही
तोहार गाँव कहाँ बा

फाटल छिटल
दूगो कुरता धोती
आख प चशमा
जन कल्याण के खातीर
झोला झंडा लेके
ठङा मे ठिठुर रहल बाड़ऽ
सुन सुन ए बटोही
तोहार गाँव कहाँ बा

जंगल-झार , वीरन मे
कुसुम फुल के देखिके
गीत गजब के कढ़इलऽ
संस्कृति विस्तार के खातीर
जेठ बैशाख के घाम मे कुद रहल बाड़ऽ
सुन सुन ए बटोही
तोहार गाँव कहाँ बा

मूल रचनाकार- (मौलिक एवं स्वरचित)
© श्रीहर्ष आचार्य(मैथिली)
अनुवाद- सोनू कुमार यादव ( सारण)
भोजपुरी

Language: Bhojpuri
10 Likes · 7 Comments · 1147 Views

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