Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2019 · 1 min read

तोहफे में बंदूक

पापा साल गिरह पर कुछ ना देना
मेरी मर्जी की चीज दिला देना

इक बंदूक दिला देना तोहफे में
दागूं गोली दुश्मन के सीने में

इस देश पे’ जो भी आंख उठाएगा
वह निशाने पर मेरे आ जाएगा

बाज न आएगा जो गद्दारी से
मारूंगा उसको बारी – बारी से

अब तो मन में हमने ये ठाना है
अपने भारत की शान बढ़ाना है

© अरशद रसूल

Language: Hindi
2 Likes · 329 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
One day you will realized that happiness was never about fin
One day you will realized that happiness was never about fin
पूर्वार्थ
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
क्या कहुं ऐ दोस्त, तुम प्रोब्लम में हो, या तुम्हारी जिंदगी
लक्की सिंह चौहान
दोस्त, ज़िंदगी में तीन चीजे काम करती हैं,नीति,नियम और नियत,अ
दोस्त, ज़िंदगी में तीन चीजे काम करती हैं,नीति,नियम और नियत,अ
Piyush Goel
"दर्द की तासीर"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी यादें
मेरी यादें
Dr fauzia Naseem shad
समझ ना आया
समझ ना आया
Dinesh Kumar Gangwar
नारी वेदना के स्वर
नारी वेदना के स्वर
Shyam Sundar Subramanian
तेरे आने की आहट
तेरे आने की आहट
Chitra Bisht
परम लक्ष्य
परम लक्ष्य
Dr. Upasana Pandey
तीर्थों का राजा प्रयाग
तीर्थों का राजा प्रयाग
Anamika Tiwari 'annpurna '
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
4657.*पूर्णिका*
4657.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
ज्ञान से दीप सा प्रज्वलित जीवन हो।
PRADYUMNA AROTHIYA
आसान होती तो समझा लेते
आसान होती तो समझा लेते
रुचि शर्मा
कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का ।।
कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का ।।
Rituraj shivem verma
तू ठहर चांद हम आते हैं
तू ठहर चांद हम आते हैं
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
माँ लक्ष्मी
माँ लक्ष्मी
Bodhisatva kastooriya
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*
*जिनसे दूर नहान, सभी का है अभिनंदन (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ग़लती कर रहे कि सही,
ग़लती कर रहे कि सही,
Ajit Kumar "Karn"
कोई मंझधार में पड़ा है
कोई मंझधार में पड़ा है
VINOD CHAUHAN
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
पहाड़ में गर्मी नहीं लगती घाम बहुत लगता है।
Brijpal Singh
हुनर का ग़र समंदर है..!
हुनर का ग़र समंदर है..!
पंकज परिंदा
*लटें जज़्बात कीं*
*लटें जज़्बात कीं*
Poonam Matia
..
..
*प्रणय*
मेरे अंदर भी इक अमृता है
मेरे अंदर भी इक अमृता है
Shweta Soni
सच्चे- झूठे सब यहाँ,
सच्चे- झूठे सब यहाँ,
sushil sarna
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
शब्द
शब्द
Shashi Mahajan
शिव-स्वरूप है मंगलकारी
शिव-स्वरूप है मंगलकारी
कवि रमेशराज
Loading...