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6 May 2017 · 1 min read

तेवरी

उसकी बातों में जाल नये
होने हैं खड़े बवाल नये |

बागों को उसकी नज़र लगी
अब फूल न देगी डाल नये |

छलना है उसको और अभी
लेकर पूजा के थाल नये |

बिल्डिंग की खातिर ताल अटा
अब ढूंढ रहा वो ताल नये |

आँखों से आँसू छलक रहे
अब और कहें क्या हाल नये |
+रमेशराज

Language: Hindi
593 Views

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