#तेवरी-
#तेवरी-
■ वो दंगल है राम भरोसे।।
● जो होना था काम भरोसे।
वो दंगल है राम भरोसे।।
● बोली लगा लगा नीलामी।
जनादेश तक दाम भरोसे।।
● पांच साल में शुभ दिन आया।
ख़ास लोग हैं आम भरोसे।।
● दर्द मिटाने का दावा कर।
चारागर हैं बाम भरोसे।।
● खुरचन चाटेंगे नाकारा।
माई-बाप के नाम भरोसे।।
● आस रात की टिकी सुबह पर।
सुबह बिचारी शाम वगरोसे।।
● जिनके पास नहीं कुछ वो सब।
औरों पर इल्ज़ाम भरोसे।।
● ग़ैरत बे-ग़ैरत हो कर के।
ज़िंदा है ईनाम भरोसे।।
● चाह रही दुनिया बेगारी।
और अपन आराम भरोसे।।
● ख़ुद के पास नहीं कुछ बाक़ी।
गुल-गुलशन गुलफ़ाम भरोसे।।
● खाक़ किसी का भला करेंगे।
हाकिम ख़ुद हुक्काम भरोसे।।
■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)