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22 Sep 2023 · 1 min read

तेवरी

प्रेमी ही बन जाता बाज़
अपना बनकर लूटे लाज। होता आज।।

उतना ही बदसूरत अंत
जितना सुंदर हो आगाज़। होता आज।।

सच की झट हो जाती मौत
झूठ दीखता उम्रदराज। होता आज।।

वही निकलता छल का रूप
जिसके ऊपर जितना नाज़। होता आज।।

उतना ही बढ़ता विद्रूप
जितना करिए और इलाज़। होता आज।।
*रमेशराज

Language: Hindi
213 Views

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