Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2024 · 1 min read

#तेवरी- *(देसी ग़ज़ल)*

#तेवरी- (देसी ग़ज़ल)
■ मंथरा सी सास लगने लगे गई।।
【प्रणय प्रभात】

इक पड़ोसन ख़ास लगने लग गई।
मंथरा सी सास लगने लग गई।।

चार दिन पहले थी मीठी सीख जो।
व्यर्थ की बकवास लगने लगे गई।।

कल तलक थीं लाभदायक झिड़कियां।
अब निजी उपहास लगने लग गई।।
आ गया ठहराव इक दिन और फिर।
झील को भी प्यास लगने लगे गई।।

राजसी लगती थी एकल ज़िंदगी।
उम्र अब वनवास लगने लग गई।।

साथ होकर दूर थी वो हर घड़ी।
छिन गई तो पास लगने लग गई।।

बेवफ़ा को ज़िंदगी की सांझ से।
कुछ वफ़ा की आस लगने लगे गई।।

जिस जगह कालीन बिछते थे कभी।
आज जँगली घास लगने लगे गई।।

मायने जिस रोज़ बदले सोच ने।
भूख भी उपवास लगने लगे गई।।

उच्चता असहाय कोने में पड़ी।
नीचता बिंदास लगने लगे गई।।

यंत्रणा को देखिए अपनी कथा।
आज से संत्रास लगने लगे गई।।

जो सबक़ देता था उस दालान में।
साजिशों की क्लास लगने लग गई।।

-सम्पादक-
●न्यूज़&व्यूज़●
(मध्य-प्रदेश)

1 Like · 17 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तसल्ली के लिए इक इक कोने की तलाशी कर लो
तसल्ली के लिए इक इक कोने की तलाशी कर लो
शिव प्रताप लोधी
रिश्ते-आम कह दूँ क्या?
रिश्ते-आम कह दूँ क्या?
Pratibha Pandey
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
Bhupendra Rawat
😊 लघु कथा :--
😊 लघु कथा :--
*प्रणय प्रभात*
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
यादों को दिल से मिटाने लगा है वो आजकल
कृष्णकांत गुर्जर
" बोझ "
Dr. Kishan tandon kranti
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
स्वर्गस्थ रूह सपनें में कहती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ये जिन्दगी तुम्हारी
ये जिन्दगी तुम्हारी
VINOD CHAUHAN
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
इक परी हो तुम बड़ी प्यारी हो
Piyush Prashant
किलकारी गूंजे जब बच्चे हॅंसते है।
किलकारी गूंजे जब बच्चे हॅंसते है।
सत्य कुमार प्रेमी
अभिमानी  इस जीव की,
अभिमानी इस जीव की,
sushil sarna
नव भारत निर्माण करो
नव भारत निर्माण करो
Anamika Tiwari 'annpurna '
वर्तमान में जितना लोग सेक्स के प्रति आकर्षित है यदि उतना ही
वर्तमान में जितना लोग सेक्स के प्रति आकर्षित है यदि उतना ही
Rj Anand Prajapati
3178.*पूर्णिका*
3178.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
We are not meant to stay the same. We are meant to grow and
पूर्वार्थ
*टूटे दिल को दवा दीजिए*
*टूटे दिल को दवा दीजिए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* बचाना चाहिए *
* बचाना चाहिए *
surenderpal vaidya
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
The_dk_poetry
हिंदी - दिवस
हिंदी - दिवस
Ramswaroop Dinkar
*वह अनाथ चिड़िया*
*वह अनाथ चिड़िया*
Mukta Rashmi
नमस्कार मित्रो !
नमस्कार मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
कशिश
कशिश
Shyam Sundar Subramanian
Dr arun kumar शास्त्री
Dr arun kumar शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्या विरासत में
क्या विरासत में
Dr fauzia Naseem shad
उसका शुक्र कितना भी करूँ
उसका शुक्र कितना भी करूँ
shabina. Naaz
Loading...