तेरे ख़्वाब में
मैं तेरे नक्शे कदम यूं चल नहीं सकता,
तुम्हारी आदतों में इस कदर मैं ढल नहीं सकता,
मुझे मज़बूर इतना भी नहीं करना कभी ‘केसर’,
तेरे ख़्वाब में अब फिर कभी मैं पल नहीं सकता।
मैं तेरे नक्शे कदम यूं चल नहीं सकता,
तुम्हारी आदतों में इस कदर मैं ढल नहीं सकता,
मुझे मज़बूर इतना भी नहीं करना कभी ‘केसर’,
तेरे ख़्वाब में अब फिर कभी मैं पल नहीं सकता।