तेरे हर एहसास को
छू के तुझको मैं गुज़रना चाहूँ ।
तेरी खुशबू से महकना चाहूँ ।।
मिलके तुझसे न बिछड़ना चाहूँ ।
तेरे हर एहसास को मैं जीना चाहूँ ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
छू के तुझको मैं गुज़रना चाहूँ ।
तेरी खुशबू से महकना चाहूँ ।।
मिलके तुझसे न बिछड़ना चाहूँ ।
तेरे हर एहसास को मैं जीना चाहूँ ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद