तेरे सुर्ख़ हाथों को देख
तेरे सुर्ख़ हाथों को देख
मैं घबड़ा जाता हूँ
दूर होते हो तुम
मुझे तेरी याद आती है
मेंहदी लगे हाथों को
यूँ ऐसे ना लहराया करो
पास आया करो
इन हाथों से मेरे हाथों में
भी मेंहदी सजाया करो…
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार
तेरे सुर्ख़ हाथों को देख
मैं घबड़ा जाता हूँ
दूर होते हो तुम
मुझे तेरी याद आती है
मेंहदी लगे हाथों को
यूँ ऐसे ना लहराया करो
पास आया करो
इन हाथों से मेरे हाथों में
भी मेंहदी सजाया करो…
मेरी कलम से…
आनन्द कुमार