तेरे शहर की बारिश
अभी इतनी बारिश नहीं हुई तेरे शहर में
कि मैं इतनी आसानी से यूं ही भीग जाऊं
मैं हाजिर हूं तू सजा का ऐलान तो कर
तेरी सजा का इतना खौफ कहां मै डर जाऊं
मेरा एक बाल भी वांका तू कर के तो दिखा
मैं अपनी मां की दुआओं को साथ लाया हूं
हासिल तो करके रहूंगा मैं अपनी मंजिल को
तू ताकत लगा अपनी पूरी कि मैं रुक जाऊं
वेखॉफ शायर:-
राहुल कुमार सागर
“बदायूंनी”