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16 Sep 2023 · 1 min read

तेरे मन मंदिर में जगह बनाऊं मै कैसे

तेरे मन मन्दिर में जगह बनाऊं मै कैसे,
बिन बाती तेल के दीप जलाऊं मै कैसे।

तड़फ तड़फ कर मर जाऊंगी मै बिन तेरे,
पास नहीं तुम मेरे,यह दर्द सुनाऊं मैं कैसे।

बढ़ती नहीं है आगे जिंदगी अब बिन तेरे,
बीते हुए लम्हों को अब भुलाऊं मै कैसे।

आती नहीं है नींद रात में अब बिन तेरे,
चांदनी रात में अपने को सुलाऊं मै कैसे।

आते नहीं जब तुम गमगीन दिल हो जाता है मेरा,
इन हालातो में दिल को दिलासा दिलाऊं मै कैसे।

चाहता है रस्तोगी,तेरे दर्द को बयां कर दू सबको,
स्याही अब सूख गई,कागज पर लिखाऊ मै कैसे।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
Tag: गजल
4 Likes · 5 Comments · 460 Views
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