**तेरे बिना हमें रहना नहीं***
**तेरे बिना हमें रहना नहीं***
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तेरे बिना हमें रहना नहीं,
आँसू नयन कभी बहना नहीं।
सूक्ष से हरा भरा संसार हो,
मंजर दुख़द कभी सहना नहीं।
आया यहाँ – वहाँ तूफ़ान सा,
बंदा अजर अमर कहना नही।
असली असर सदा करता रहे,
नकली कभी बना गहना नही।
कपड़ा कफ़न बना भाता कहाँ,
कंचन बदन कभी पहना नहीं।
बे मौसमी मार मनसीरत मरा,
जड़ से उखड़ हमें ढहना नहीं।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)