तेरे बगैर दुनिया में कौन सगा है माँ
**** तेरे बगैर दुनिया में कौन सगा है माँ ****
तेरे वजूद से मेरा , वजूद बना है माँ
तेरे बगैर दुनिया में, कौन सगा है माँ
नही है ताकत जमाने में तुझे हरादे जो
तेरी दुआओं से मेरा , रूतवा जवां है माँ
ना मंदिर जाता हूँ , ना पढता हूँ कुरान को
तेरे कदमों को छूकर, सब पा लेता हूँ माँ
पूरी दुनिया में कोई नही है , तुझसे सुंदर
मुझे अपनी बांहो में , आज भरले माँ
बदनसीब है वो होती नही है , माँ जिनकी “सागर”
बदनसीब वो भी है , जो माँ को माँ नही कहता माँ
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बैखोफ शायर/गीतकार/लेखक
डाँ. नरेश कुमार “सागर”
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मर्दस.डे . की हार्दिक शुभ कामनाऐं