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4 Jun 2023 · 1 min read

तेरे दिल तक पहुंचते , मेरे सब अल्फाज।

तेरे दिल तक पहुंचते , मेरे सब अल्फाज।
कलम पकड़ने में मुझे , होता है शुचि नाज।।
होता है शुचि नाज , बात है अहसासों की ।
इक दूजे की डोर , जुड़ी है चिर सांसों की ।
कलम हुई प्रिय धन्य , लिखा जो मैंने अब तक ।
करता रहूँ प्रयास , पहुँच हो तेरे दिल तक।।
सतीश पाण्डेय

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