तेरे एहसास से मोहब्बत की है, तेरी याद से मोहब्बत की है,
तेरे एहसास से मोहब्बत की है, तेरी याद से मोहब्बत की है,
काले लिबाज़ में देखा था उस रात तुझे,मैंने तो उस रात से मोहब्बत की है।
उदास क्यों है तू हमारे दूर रहने से,
अरे मैंने तो तेरे उन बात से मोहब्बत की है,
तेरी बातें होती हैं दिनों रात सब से,
मैंने तो उन्ही अल्फ़ाज़ से मोहब्बत की है,
जो महकते हो तेरी मोहब्बत की बातों से हर वक़्त,
मैंने तो उन जज़्बात से मोहब्बत की है।
कोई कुछ भी कहें उस पर एतबार ना करना,
मैंने तेरे होने वाले एहसास से मोहब्बत की है।