तेरी वफ़ाएं सोंच सोंचकर
तेरी वफ़ाएँ सोंच सोंचकर दिल घबराता रोता है।
तुम भी बिल्कुल वैसे निकले जैसा सारा जग होता है।।
दुनियाँ है इस दिल की दुश्मन तुमने ऐसा प्यार दिया है।
तुम पर मरकर जीता था तुमने जीते जी मार दिया है।
दिलबर की बेरुखी से बढ़कर भी क्या कोई गम होता है?
तुम भी बिल्कुल वैसे निकले जैसा सारा जग होता है।।
वादा किया था मिलने का उसको क्या खूब निभाया है
खेल समझकर तुमने दिल को खेला और सताया है
दिल का दर्द बंटा न सके जो क्या ऐसा हमदम होता है?
तुम भी बिल्कुल वैसे निकले जैसा सारा जग होता है।।
तुमने कसम ये खायी होगी तुम न किसी को खत लिक्खोगे
मेरी भी जिद है मिलने को तब आऊंगा जब लिक्खोगे
देखूँगा मुझसे मिलने का अब तेरा मन कब होता है
तुम भी बिल्कुल वैसे निकले जैसा सारा जग होता है।।