बारात
फूल सबनम में बिखर जाते है ।
ज़ख्म सारे मरहम में मिल जाते है
जब भी तेरी याद आती है तो,
हम तेरे गम में डूब जाते है ।
बात जब बन के बिगड़ जाती है
रूह इस तरह कसमसा जाती है
अरे मत पूछ उस बद नसीब दुल्हन से
जिसकी बारात लौट जाती है ।
फूल सबनम में बिखर जाते है ।
ज़ख्म सारे मरहम में मिल जाते है
जब भी तेरी याद आती है तो,
हम तेरे गम में डूब जाते है ।
बात जब बन के बिगड़ जाती है
रूह इस तरह कसमसा जाती है
अरे मत पूछ उस बद नसीब दुल्हन से
जिसकी बारात लौट जाती है ।