तेरी याद ……
तेरी याद ……
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परेशानी के मै कितने सबब रखता
तेरी यादों को रोशन भी ,गजब रखता
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रही हरदम खयालों में जहाँ शामिल
जुदा हो तुझसे खुश मै , खुद को कब रखता
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कभी जाता नहीं मंदिर शिवालय में
हिफाजत से छिपा के,अपना रब रखता
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तुझे पाने कभी नाकाम कोशिश की
कहूँ क्या खास कुछ गिन के खरब रखता
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जमाने भर की रौनक से सजी महफिल
वहाँ पर पांव भी मै बा_ अदब रखता
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सुशील यादव दुर्ग